किसान आंदोलन में जवानी लिखेगी जीत की कहानी!
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किसान आंदोलन में जवानी लिखेगी जीत की कहानी!
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दिल्ली के बार्डरों पर पिछले 26 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन में युवा किसानों की भागीदारी और जिम्मेदारी दोनों बढ़ गयी हैं। जब ये आंदोलन शुरू हुआ था तब ज्यादातर संख्या बुजुर्गों की थी लेकिन धीरे-धीरे आंदोलन में युवाओं के बहुत सारे जत्थे पहुंच गये। ये युवा अब अपने बड़े बुजुर्गों को भी संभाल रहे हैं उनको खाना बनाकर खिला रहे हैं, राशन पहुंचा रहे हैं, स्टेज से लेकर तमाम व्यवस्था भी संभाल रहे हैं और सबसे महत्वपूर्ण आंदोलन की आवाज को सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर बुलंद कर रहे हैं। अब ये युवा किसान खुद का आईटी सेल बनाकर गोदी मीडिया व बीजेपी सरकार द्वारा फैलाए गये हर प्रोपगेंडा का बड़े अच्छे से काउंटर कर रहे हैं और सही मैसेज आमजन तक पहुंचा रहे हैं।
इस आंदोलन में पहुंचे व जो अब तक गांव से नहीं पहुंच पाए उन सभी किसानों तक प्रतिदिन मैसेज पहुंचाने के लिए युवाओं द्वारा बहुत सारे व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गये हैं। जिसमें आंदोलन से जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण सुचनाएं शेयर की जा रही हैं। इन ग्रुपों में पहली ट्राली से लेकर अंतिम ट्राली तक सभी किसानों को जोड़ा जा रहा है और जिस भी किसान के साथ कोई भी दिक्कत आ रही है उसकी सुचना मिलते ही युवा बड़ी जल्दी समाधान कर रहे हैं। ऐसे बहुत सारे किसान हैं जिनको अब युवाओं के बनाए गये नेटवर्क का फायदा हो चुका है।
सबसे रोचक बात आंदोलन में पहुंची लाखों की भीड़ को युवा किसानों की एक कमेटी के द्वारा बहुत अच्छे तरीके से मैनेज किया जा रहा है। दुध और जरूरी राशन पानी पहुंचाने वाली गाड़ियों की भी सुची बनाकर ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि ना तो राशन की कोई कमी रहे और ना ही राशन बेकार जाए। गांव में बैठे किसानों को आंदोलन का हिस्सा बनाने के लिए युवा किसानों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से अपील लगातार की जा रही है जिसका व्यापक असर भी देखने को मिला है जिससे अब ये आंदोलन पहले दिन से कई गुणा ज्यादा बड़ा हो गया है। गांव में बैठे किसान जो लगातार किसी कारणवश बार्डरों पर नहीं ठहर पा रहे हैं वो अब जरूरी सामान इस महाआंदोलन में पहुंचाकर अपना योगदान दे रहे हैं। किसी प्रकार का शरारती तत्व आंदोलन में ना घुसे इसके लिए युवा सेवादार 24 घंटे अपनी सेवा दे रहे हैं।
सबसे मुख्य आंदोलन में पहुंचे बुद्धिजीवी युवाओं द्वारा भगत सिंह लाईब्रेरी का निर्माण किया गया है जिससे किसानों को प्ररेणादायक किताबें पढ़ने को मिल रही है और उनकी देशभक्ति की खुराक बढ़ रही है।
छात्र-छात्राओं की कुछ टोलियां देशभक्ति गीत सुनाकर किसानों का इस आंदोलन में उत्साह बढ़ा रही है।
जो युवा दुसरे देशों में बैठे हैं उनका सहयोग भी किसी रुप में कम नहीं है। दुनियाभर में किसानों की आवाज पहुंचाने से लेकर आंदोलन को चलाने के लिए जरूरी डोनेशन में भी इन युवाओं का अहम योगदान रहा है।
*कुल मिलाकर जब इस आंदोलन पर इतिहास लिखा जाएगा तो युवाओं की भागीदारी और उनके द्वारा निभाई गई जिम्मेदारी को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा*
कल तक जिस पंजाब के नौजवानों को नशेड़ी और हरियाणा के नौजवानों को मोलड़ कहा गया उन्होंने इस आंदोलन को संभालकर अपनी जवानी के जिंदाबाद होने का परिचय दे दिया है। यही नहीं नए भारत की पहचान बनकर नए दौर के है युवा शहीद ए आज़म नौजवान भगत सिंह के सपनों के भारत को पूरा करने का बीड़ा भी उठा लिए है।
इस आंदोलन में पहुंचे व जो अब तक गांव से नहीं पहुंच पाए उन सभी किसानों तक प्रतिदिन मैसेज पहुंचाने के लिए युवाओं द्वारा बहुत सारे व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गये हैं। जिसमें आंदोलन से जुड़ी तमाम महत्वपूर्ण सुचनाएं शेयर की जा रही हैं। इन ग्रुपों में पहली ट्राली से लेकर अंतिम ट्राली तक सभी किसानों को जोड़ा जा रहा है और जिस भी किसान के साथ कोई भी दिक्कत आ रही है उसकी सुचना मिलते ही युवा बड़ी जल्दी समाधान कर रहे हैं। ऐसे बहुत सारे किसान हैं जिनको अब युवाओं के बनाए गये नेटवर्क का फायदा हो चुका है।
सबसे रोचक बात आंदोलन में पहुंची लाखों की भीड़ को युवा किसानों की एक कमेटी के द्वारा बहुत अच्छे तरीके से मैनेज किया जा रहा है। दुध और जरूरी राशन पानी पहुंचाने वाली गाड़ियों की भी सुची बनाकर ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि ना तो राशन की कोई कमी रहे और ना ही राशन बेकार जाए। गांव में बैठे किसानों को आंदोलन का हिस्सा बनाने के लिए युवा किसानों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से अपील लगातार की जा रही है जिसका व्यापक असर भी देखने को मिला है जिससे अब ये आंदोलन पहले दिन से कई गुणा ज्यादा बड़ा हो गया है। गांव में बैठे किसान जो लगातार किसी कारणवश बार्डरों पर नहीं ठहर पा रहे हैं वो अब जरूरी सामान इस महाआंदोलन में पहुंचाकर अपना योगदान दे रहे हैं। किसी प्रकार का शरारती तत्व आंदोलन में ना घुसे इसके लिए युवा सेवादार 24 घंटे अपनी सेवा दे रहे हैं।
सबसे मुख्य आंदोलन में पहुंचे बुद्धिजीवी युवाओं द्वारा भगत सिंह लाईब्रेरी का निर्माण किया गया है जिससे किसानों को प्ररेणादायक किताबें पढ़ने को मिल रही है और उनकी देशभक्ति की खुराक बढ़ रही है।
छात्र-छात्राओं की कुछ टोलियां देशभक्ति गीत सुनाकर किसानों का इस आंदोलन में उत्साह बढ़ा रही है।
जो युवा दुसरे देशों में बैठे हैं उनका सहयोग भी किसी रुप में कम नहीं है। दुनियाभर में किसानों की आवाज पहुंचाने से लेकर आंदोलन को चलाने के लिए जरूरी डोनेशन में भी इन युवाओं का अहम योगदान रहा है।
*कुल मिलाकर जब इस आंदोलन पर इतिहास लिखा जाएगा तो युवाओं की भागीदारी और उनके द्वारा निभाई गई जिम्मेदारी को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा*
कल तक जिस पंजाब के नौजवानों को नशेड़ी और हरियाणा के नौजवानों को मोलड़ कहा गया उन्होंने इस आंदोलन को संभालकर अपनी जवानी के जिंदाबाद होने का परिचय दे दिया है। यही नहीं नए भारत की पहचान बनकर नए दौर के है युवा शहीद ए आज़म नौजवान भगत सिंह के सपनों के भारत को पूरा करने का बीड़ा भी उठा लिए है।
Publisher
Trolley Times
Date
2020-12-31
Contributor
अनूप सिंह चिनोट
Coverage
हरियाणा