पलवल: किसान आंदोलन का पांचवा मोर्चा
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पलवल: किसान आंदोलन का पांचवा मोर्चा
Description
रोना आपदा को अवसर बनाकर मोदी सरकार लगतार जनवि रोधी नीति यों को लागू करती जा रही थी, देश के श्रमिक ों के श्रम कानूनों में परिवर्त न करने के बाद मोदी सरकार का वि नाशकारी अश्वमेघी घोड़ा अब खेतों और किसानी को बर्बा द करने के लिए निक ल पड़ा इस बार इस वि नाशकारी अश्व को रोकने का ऐतिह ासिक काम किसानों ने किया। शायद मोदी सरकार को इसकी भान भी ना रहा हो कि इतना बड़ा प्रति रोध सामने खड़ा हो जाएगा। अब मोदी और उसके मालिक करपोरेट सबके हाथ पांव फूले हुए हैं, वे घबराहट में है। दि ल्ली जाने के पांच रास्तों पर लाखों की संख्या पर किसान डट गए है।
इन पांच मोर्चो में से एक है पलवल। वैसे हक ीकत में बाकी अन्य चारों मोर् चों से जो खबरें सुनने में आ रही हैं उसके मुकाबले में पलवल मोर्चा काफी कमजोर है। लेकिन 02 दि सम्बर को जब ग्वा लियर जि ले के डबरा, चि नोर, भि तरवार और भि ंड जि ले के गोहद तहसील के गांवों से बड़ी संख्या में किसान सैकड़ो ट्रैक्टर औऱ अन्य गाड़ि यां लेकर निक ले थे तब भी शायद किसी ने नहीं सोचा था कि 20 दि न तक वे यहां ऐसे जमे रह पाएंगे। जैसे जैसे दि न बीत रहे हैं किसानों के हौंसले और जीतकर ही लौटने के उनके संकल्प और भी पक्के होते जा रहे हैं।दि न पर दि न किसानों की संख्या भी बढ़ ती जा रही है। जि स प्रक ार से स्था नीय जनता का जुड़ा व बढ़ ता जा रहा है वह इस बात की अश्वति देता है कि अब इस आंदोलन को दबाना या कुचलना शासक वर्ग के लिए इतना आसान नहीं।
इन पांच मोर्चो में से एक है पलवल। वैसे हक ीकत में बाकी अन्य चारों मोर् चों से जो खबरें सुनने में आ रही हैं उसके मुकाबले में पलवल मोर्चा काफी कमजोर है। लेकिन 02 दि सम्बर को जब ग्वा लियर जि ले के डबरा, चि नोर, भि तरवार और भि ंड जि ले के गोहद तहसील के गांवों से बड़ी संख्या में किसान सैकड़ो ट्रैक्टर औऱ अन्य गाड़ि यां लेकर निक ले थे तब भी शायद किसी ने नहीं सोचा था कि 20 दि न तक वे यहां ऐसे जमे रह पाएंगे। जैसे जैसे दि न बीत रहे हैं किसानों के हौंसले और जीतकर ही लौटने के उनके संकल्प और भी पक्के होते जा रहे हैं।दि न पर दि न किसानों की संख्या भी बढ़ ती जा रही है। जि स प्रक ार से स्था नीय जनता का जुड़ा व बढ़ ता जा रहा है वह इस बात की अश्वति देता है कि अब इस आंदोलन को दबाना या कुचलना शासक वर्ग के लिए इतना आसान नहीं।
Publisher
Trolley Times
Date
2020-12-25
Contributor
अखिलेश यादव
Coverage
पलवल मोरचा