<em>km_dlive</em> : पैर हों जिनके मिट्टी में, दोनो . . . .

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<em>km_dlive</em> : पैर हों जिनके मिट्टी में, दोनो . . . .

Description

पैर हों जिनके मिट्टी में, दोनों हाथ कुदाल पर रहते हैं सर्दी गर्मी या फिर बारिश, सब कुछ ही वे सहते हैं आसमान पर नज़र हमेशा वे आंधी तूफ़ां सब सहते हैं खेतों में हरियाली आये दिन और रात लगे रहते हैं मेहनत कर वे अन्न उगाते पेट सभी का भरते हैं वो है मसीहा मेहनत का #किसान हम कहते हैं

Date

2020-08-09

Contributor

Identifier

1292338245418668032